निर्जला एकादशी व्रत कथा | Nirjala Ekadashi Vrat Katha PDF in Hindi

निर्जला एकादशी व्रत कथा | Nirjala Ekadashi Vrat Katha PDF in Hindi

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नमस्कार पाठकों इस लेख के माध्यम से आप निर्जला एकादशी व्रत कथा PDF 2023 / Nirjala Ekadashi Vrat Katha PDF हिंदी भाषा में। यहाँ पर आप निर्जला एकादशी व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, महत्त्व आदि चीज़े पढ़ने को मिलेगी।

निर्जला एकादशी व्रत कथा | Nirjala Ekadashi Vrat Katha Hindi PDF Download

निर्जला एकादशी व्रत कथा | Nirjala Ekadashi Vrat Katha PDF in Hindi

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    निर्जला एकादशी व्रत कथा | Nirjala Ekadashi Vrat Katha Hindi PDF Summary

    Nirjala Ekadashi Vrat Katha PDF यहाँ पर आप निर्जला एकादशी व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, महत्त्व आदि चीज़े पढ़ने को मिलेगी। यह एकादशी सभी एकादशियों के व्रत में विशेष व कठिन भी है। हिंदी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है।

    इस व्रत के महत्व को विभिन्न धार्मिक ग्रन्थों में भी वर्णित किया गया है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने से सभी एकादशियों के व्रत का फल मिलता है परन्तु व्रत के नियमानुसार निर्जला एकादशी के व्रत में स्नान और आचमन के सिवा पूरे दिन जल का त्याग करना पड़ता है। इसे पाण्डव एकादशी या फिर भीमसेन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।


    निर्जला एकादशी व्रत कथा PDF 2023 | Nirjala Ekadashi Vrat Katha PDF 2023

    भीमसेन व्यासजी से कहने लगे कि हे पितामह! भ्राता युधिष्ठिर, माता कुंती, द्रोपदी, अर्जुन, नकुल और सहदेव आदि सब एकादशी का व्रत करने को कहते हैं, परंतु महाराज मैं उनसे कहता हूँ कि भाई मैं भगवान की शक्ति पूजा आदि तो कर सकता हूँ, दान भी दे सकता हूँ परंतु भोजन के बिना नहीं रह सकता। इस पर व्यासजी कहने लगे कि हे भीमसेन! यदि तुम नरक को बुरा और स्वर्ग को अच्छा समझते हो तो प्रति मास की दोनों एक‍ा‍दशियों को अन्न मत खाया करो।


    एकादशी पूजा सामग्री PDF | Nirjala Ekadashi Puja Samagri

    1. श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति,
    2. पुष्प,
    3. नारियल,
    4. सुपारी,
    5. फल,
    6. लौंग,
    7. धूप,
    8. दीप,
    9. घी,
    10. पंचामृत,
    11. अक्षत,
    12. तुलसी दल,
    13. चंदन
    14. मिष्ठान

    निर्जला एकादशी व्रत का महत्व

    भगवान विष्णु को समर्पित निर्जला एकादशी व्रत नियमपूर्वक रखने से व्यक्ति के न केवल वर्ष भर की सभी एकादशी के व्रत का फल मिलता है बल्कि विष्णु लोक की भी प्राप्ति का द्वार खुल जाता है। व्यक्ति के समस्त पाप कर्म निष्फल हो जाते हैं।

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